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[00:00.000] 作词 : Stephen Devassy[00:01.000] 作曲 : Stephen Devassy[00:19.480] अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते[00:27.045] गिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।[00:34.732] भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरिकुटुंबिनि भूरिकृते[00:42.398] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १॥[00:54.006] सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते[01:01.608] त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते ।[01:09.347] दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते[01:16.998] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २॥[01:28.501] अयि जगदंब मदंब कदंबवनप्रियवासिनि हासरते[01:36.180] शिखरिशिरोमणितुङ्गहिमालयशृंगनिजालयमध्यगते ।[01:43.834] मधुमधुरे मधुकैटभगंजिनि कैटभभंजिनि रासरते[01:51.559] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ३॥[02:14.687] अयि शतखण्डविखण्डितरुण्डवितुण्डितशुण्डगजाधिपते[02:22.247] रिपुगजगण्डविदारणचण्डपराक्रमशुण्ड मृगाधिपते ।[02:29.912] निजभुजदण्डनिपातितखण्डविपातितमुण्डभटाधिपते[02:37.575] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ४॥[02:49.125] अयि रणदुर्मदशत्रुवधोदितदुर्धरनिर्जरशक्तिभृते[02:56.806] चतुरविचारधुरीणमहाशिवदूतकृतप्रमथाधिपते ।[03:04.469] दुरितदुरीहदुराशयदुर्मतिदानवदूतकृतांतमते[03:12.136] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ५॥[03:23.737] अयि शरणागतवैरिवधूवरवीरवराभयदायकरे[03:31.318] त्रिभुवनमस्तकशूलविरोधिशिरोधिकृतामलशूलकरे ।[03:38.968] दुमिदुमितामरदुंदुभिनादमहोमुखरीकृततिग्मकरे[03:46.712] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६॥[04:09.743] अयि निजहुँकृतिमात्रनिराकृतधूम्रविलोचनधूम्रशते[04:17.393] समरविशोषितशोणितबीजसमुद्भवशोणितबीजलते ।[04:25.097] शिवशिव शुंभनिशुंभमहाहवतर्पितभूतपिशाचरते[04:32.763] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ७॥[04:44.324] धनुरनुसंगरणक्षणसंगपरिस्फुरदंगनटत्कटके[04:51.933] कनकपिशंगपृषत्कनिषंगरसद्भटशृंगहतावटुके ।[04:59.690] कृतचतुरङ्गबलक्षितिरङ्गघटद्बहुरङ्गरटद्बटुके[05:07.356] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८॥[05:18.842] सुरललनाततथेयितथेयितथाभिनयोत्तरनृत्यरते[05:26.531] हासविलासहुलासमयि प्रणतार्तजनेऽमितप्रेमभरे ।[05:34.178] धिमिकिटधिक्कटधिकटधिमिध्वनिघोरमृदंगनिनादरते[05:41.870] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९॥[06:05.026] जय जय जप्यजये जयशब्दपरस्तुतितत्परविश्वनुते[06:12.585] झणझणझिञ्झिमिझिंकृतनूपुरसिंजितमोहितभूतपते ।[06:20.233] नटितनटार्धनटीनटनायकनाटितनाट्यसुगानरते[06:27.954] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १०॥[06:39.534] अयि सुमनःसुमनः सुमनः सुमनः सुमनोहरकांतियुते[06:47.176] श्रितरजनीरजनीरजनीरजनीरजनीकरवक्त्रवृते ।[06:54.812] सुनयनविभ्रमरभ्रमरभ्रमरभ्रमरभ्रमराधिपते[07:02.485] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११॥[07:14.058] सहितमहाहवमल्लमतल्लिकमल्लितरल्लकमल्लरते[07:21.740] विरचितवल्लिकपल्लिकमल्लिकझिल्लिकभिल्लिकवर्गवृते ।[07:29.416] सितकृतफुल्लिसमुल्लसितारुणतल्लजपल्लवसल्ललिते[07:37.103] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १२॥[08:23.185] अविरलगण्डगलन्मदमेदुरमत्तमतङ्गजराजपते[08:30.848] त्रिभुवनभूषणभूतकलानिधिरूपपयोनिधिराजसुते ।[08:38.540] अयि सुदती जनलालसमानसमोहनमन्मथराजसुते[08:46.242] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३॥[08:57.745] कमलदलामलकोमलकांतिकलाकलितामलभाललते[09:05.387] सकलविलासकलानिलयक्रमकेलिचलत्कलहंसकुले ।[09:13.109] अलिकुलसङ्कुलकुवलयमण्डलमौलिमिलद्भकुलालिकुले[09:20.755] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४॥[09:32.291] करमुरलीरववीजितकूजितलज्जितकोकिलमञ्जुमते[09:39.978] मिलितपुलिन्दमनोहरगुञ्जितरञ्जितशैलनिकुञ्जगते ।[09:47.632] निजगुणभूतमहाशबरीगणसद्गुणसंभृतकेलितले[09:55.336] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५॥[10:18.374] कटितटपीतदुकूलविचित्रमयूखतिरस्कृतचंद्ररुचे[10:26.044] प्रणतसुरासुरमौलिमणिस्फुरदंशुलसन्नखचंद्ररुचे ।[10:33.714] जितकनकाचलमौलिपदोर्जितनिर्झरकुंजरकुंभकुचे[10:41.398] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६॥[10:52.936] विजितसहस्रकरैकसहस्रकरैकसहस्रकरैकनुते[11:00.580] कृतसुरतारकसङ्गरतारकसङ्गरतारकसूनुसुते ।[11:08.334] सुरथसमाधिसमानसमाधिसमाधिसमाधिसुजातरते[11:15.928] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७॥[11:27.538] पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं स शिवे[11:35.116] अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।[11:42.825] तव पदमेव परंपदमेवमनुशीलयतो मम किं न शिवे[11:50.529] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८॥[12:13.650] कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुसिञ्चिनुते गुण रङ्गभुवं[12:21.210] भजति स किं न शचीकुचकुंभतटीपरिरंभसुखानुभवम् ।[12:28.891] तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणिनिवासि शिवं[12:36.611] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९॥[12:48.105] तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते[12:55.793] किमु पुरुहूतपुरीन्दुमुखीसुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।[13:03.480] मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते[13:11.156] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २०॥[13:22.658] अयि मयि दीनदयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे[13:30.332] अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथाऽनुमितासि रते ।[13:38.045] यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते[13:45.702] जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१॥[14:17.981] 人声 : G Gayathri Devi/R. Ramya/Uma Mohan/Saindhavi